चित्त बुद्धि अहंकार को अपने ऊपर मुग्ध कर लेना या मोह लेना ही मोहिनी है. जिस प्रकार मृग की नाभि में वास करने वाली कस्तूरी जैसे हर किसी को मदहोश कर देता है.. कुछ ऐसा ही प्रभाव है इस इत्र मोहिनी में..
इस मोहिनी इत्र की एक बिंदी मात्र अपने वस्त्र पर लगा कर किसी साध्य(पुरुष) या साध्या (स्त्री) को अपने मन कर्म वचन से सुमधुर व्यवहार करने पर लक्षित स्त्री या पुरुष इत्र लगाए हुए साधक के ऊपर मन्त्र-मुग्ध हो जाता है.
एक मोहिनी इत्र की शीशी का न्योछावर - 1200/=
साभार :
उज्वल भविष्य दर्शन
ज्योतिषादि गुप्त विद्या
शोध संस्थान
भोजपुर, बिहार.
कॉल/व्हाट्सप्प - 09334534189
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