Friday, 28 August 2020

इत्र मोहिनी

चित्त बुद्धि अहंकार को अपने ऊपर मुग्ध कर लेना या मोह लेना ही मोहिनी है. जिस प्रकार मृग की नाभि में वास करने वाली कस्तूरी जैसे हर किसी को मदहोश कर देता है.. कुछ ऐसा ही प्रभाव है इस इत्र मोहिनी में..
इस मोहिनी इत्र की एक बिंदी मात्र अपने वस्त्र पर लगा कर किसी साध्य(पुरुष) या साध्या (स्त्री) को अपने मन कर्म वचन से सुमधुर व्यवहार करने पर लक्षित स्त्री या पुरुष इत्र लगाए हुए साधक के ऊपर मन्त्र-मुग्ध हो जाता है. 
एक मोहिनी इत्र की शीशी का न्योछावर - 1200/= 
साभार : 
उज्वल भविष्य दर्शन 
ज्योतिषादि गुप्त विद्या 
शोध संस्थान 
भोजपुर, बिहार.  
कॉल/व्हाट्सप्प - 09334534189

धर्म अर्थ काम मोक्ष शिवत्वदायक सिद्ध षोडश रुद्राक्ष

सामग्री - धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष आदि कामनाये पूर्ण करने वाली मंत्रों से पूरित वा सिद्ध की हुई षोडश रुद्राक्ष. 
साधना हेतु पात्रता - जो कन्या अभी रजस्वला ना हुई हो और जो स्त्री हमेशा के लिए रजोनिवृत हो चुकी हो..क्योंकि 16 सोमवार बाधा रहित ढंग से साधना पूर्ण करना है. इसको कोई भी पुरुष या बालक कर सकता है.  
विधि - प्रत्येक सोमवार को एक रुद्राक्ष पर बिल्व पत्र आदि चढ़ा कर निर्देशित मन्त्र 1घंटा 20 मन्त्र जप करें. फिर श्वेत वस्त्र में सामग्री लपेट कर दिनों भर अपने पास रखें.. संध्या में सामग्री किसी शिवाला में शिव जी को अर्पित कर दें.  
लाभ - ऊपर लिखे हुए सामग्री ब्यौरा हुए सभी लाभ.  
सामग्री न्योछावर राशि : 1100 Rs. मात्र. 
लेख साभार : 
उज्वल भविष्य दर्शन,  
ज्योतिषादि गुप्त विद्या 
शोध संस्थान 
खेतारी नेहरू नगर,  
आरा -802301 
भोज. बिहार.  
whatsApp/कॉल - 09334534189

Thursday, 27 August 2020

मोहिनी तिलक

प्राचीन काल में पूजा-पथ के नाम पर या धर्मिकता के नाम पर ऐसे ही तिलक का प्रयोग किया जाता त। ऐसे तिलक बहु-आयामी प्रभाव रखते थे और परिणाम देते द। वैसा ही तिलक है यह !

इस तिलक का प्रभाव कुछ इस प्रकार है –

* जल-थल-नभ मण्डल में विचरण करने वाले जिव-जंतु भी मोहित व वशीभूत हो जाते है। जिस कारण आक्रामक व हिंसक जिव-जंतु तिलक-धरी को हनी नहीं पहुँचाती। ऐसी सुरक्षा के ख़याल से भी इस तिलका को धारण किया जाता रहा है।

* इस तिलक को लगा कर जिस और से भी निकला जाये ।। ।। उस और के स्त्री-पुरुष के मन में उचित प्रेम उम्र जाता है।

* उच्च से उच्च अधिकारी भी तिलक-धारी व्यक्ति के वश में हो जाते है।

* दुश्मन-विरोधी शांत पड़ जाते है।

* कुल मिलकर यह तिलक हर किसी को मोहित कर वश में लाता है।

* तिलक विविध तांत्रिक सामग्रियों के मेल से निर्मित किया जाता है और तब तंत्र-सम्मत विधि से जागृत व सिद्ध किया जाता है। तभी प्रभावी हो पता है।

* इस तिलक का निर्माण एक बार में एक चुरुआ ( आधी अँजुली से काम ) ।। ।। सिद्ध करने की अनुमति है ।। ।। ऐसा तंत्र सम्मत भी है।
एक चुरुआ तिलक का निर्माण खर्च १६००/= पद जाता है। यदि सिद्धि के हिसाब से पारिश्रमिक न्यून्तम ५००/= तक तय किया जा सकता है या पारिश्रमिक देने वाले के ऊपर निर्भर करता है कि, इस से कितना ज्यादा वह दे सकता है। इस प्रकार एक चुरुआ तिलक का न्यून्तम निर्माण खर्च २१००/= हुआ।
😀 .. साभार :

उज्वल भविष्य दर्शन
ज्योतिष तंत्र आदि गुप्त विद्या 
शोध संस्थान
खेतारी नेहरू नगर
वररह – ८०२३०१
भोजपुर। बिहार
मोब।-09334534189(व्हाट्सप्प)

* अनिंद्य सुंदरी हो या घमण्डी औरत सब के सब तिलक-धरी की जी-हजूरी करते हुए भी देखे जा सकते है।

* रुपयों के लें-दें के मामले में भी यह तिलक सहयोग देता है।

* नित्य ही इस तिलक को लगाने से सौंदर्य खिल-सा जाता है।

* यही चीज कोई महिला प्रयोग करती है तो उसका ससुराल के लोग हो या उसका पति ।। उसकी बात सुनने और मैंने लग जाते है। उस महिला की अपनी मित्र-मंडली पर भी खूब धiक् जम जाती है। .. 😍 

Tuesday, 25 August 2020

अष्ट लक्ष्मी के आशीर्वाद से

अष्टलक्ष्मी शालया को अपने घर,  तिजोरी,  पूजन-स्थल,  दुकान-फैक्ट्री मे मात्र रख देने से सुख तथा समृद्धि की प्राप्ति होती है और जीवन में धन का संकट दूर होता है। इस इस अष्ट लक्ष्मी शाल्या को  जीवन में धन की तकलीफों को दूर करने व्यवसाय और धन की प्राप्ति के लिए स्थापित  किया जाता है । अष्ट लक्ष्मी शाल्या के प्रभाव से  प्रतिदन मां लक्ष्मी की असीम अनुकंपा प्राप्त होती है। 
अष्ट लक्ष्मी के आठ रूप ये हैं- आदिलक्ष्मी, धनलक्ष्मी, धान्यलक्ष्मी, गजलक्ष्मी, सन्तानलक्ष्मी, वीरलक्ष्मी, विजयलक्ष्मी, विद्यालक्ष्मी. 
अष्ट लक्ष्मी शाल्या में इन आठों प्रकार के लक्ष्मी का आशीर्वाद समाया हुआ होता है. 
सामग्री : अष्ट लक्ष्मी शाल्या 
स्थापना मुहूर्त : कोई भी शुक्रवार 
साभार : 
ज्योतिर्विद मुकुंद,  
Ph. -09334534189

Monday, 24 August 2020

सर्व बाधा हरण स्नान पैक

यह एक अनुभूत और बहुत बार आजमाया हुआ सिद्ध सामग्री है. जिनके हर काम में कुछ ना कुछ अड़ंगा लगा जाया करते हो..उनको यह सामग्री दि गयी.. अनुभव में देखे गए कि, पहले के तुलना में बेहतर परिणाम मिल रहा है. बाधा चाहे ग्रहदोष, किये-कराये का, स्थानदोष, वास्तुदोष का दुष्प्रभाव हो.. सब शांत पड़ने शुरू हो जाते है.  
इसका उपयोग करना भी बहुत आसान है. मात्र निर्माण खर्च पर ही हर किसी के लिए उपलब्ध है.  
साभार : 
ज्योतिष कार्यालय, 
व्हाट्सप्प - 09334534189 

YATI MAHA RAKSHA KAVACH

कवच प्राण-प्रतिष्ठा और सिद्ध करने में लगा समय – मंगल से शनि 5 दिन कवच की सक्रियता अवधि – 12 वर्ष लाभ – आत्मरक्षा, आत्मबल-विश्वास...